Balaji Wafers भारत में सबसे प्रसिद्ध वेफर्स ब्रांडों में से एक है। यह गुजरात के न केवल, बल्कि पूरे भारत में अपनी विविधता और गुणवत्ता के लिए माना जाता है। चलिए, हम बालाजी वेफर्स और इसकी कहानी को जानते हैं।
आज, Balaji Wafers ने गुजरात ही नहीं, बल्कि भारत के कई राज्यों में अपनी बाजार कवरेज को 70% से अधिक किया है। वहां बालाजी वेफर्स वेफर्स के साथ-साथ नमकीन का निर्माण और आपूर्ति भी करता है।
बालाजी वेफर्स के संस्थापक की कहानी:
बालाजी वेफर्स के संस्थापक श्री चंदू भाई विरानी धोराजी गांव, गुजरात के निवासी हैं। चंदूभाई का बचपन वित्तीय संघर्षों से भरा था। एक सामान्य परिवार में जन्मे, उन्होंने केवल 10वीं कक्षा तक की शिक्षा पूरी की थी।
एक उज्ज्वल भविष्य की आशा में, उनका परिवार धोराजी गए, अपने पिता की थोड़ी सी बचत से नई शुरुआत की। चंदूभाई और उनके भाइयों, मेघजीभाई और भिखुभाई ने शुरुआत में राजकोट में कृषि उत्पादों और कृषि उपकरणों का व्यापार किया जिसमें 20,000 रुपये का निवेश किया था। हालांकि, यह व्यवसाय दो साल के अंदर गिरा और बंद हो गया।
अंत में, उन्होंने एक सिनेमा हॉल में गेटकीपर की नौकरी शुरू की, और फिर मालिक ने उन्हें सिनेमा हॉल के कैंटीन का काम भी दिया। गुजराती लोगों की एक बात यह है कि वे आपदा में भी अवसर देखते हैं। चंदू भाई विरानी इसका अद्वितीय उदाहरण हैं। उन्होंने सिनेमा हॉल की कैंटीन में सैंडविच बेचने का काम शुरू किया, लेकिन मुनाफा कम था।
Balaji Wafers की शुरुआत:
उन्होंने फिर वेंडर्स से वेफर्स खरीदना शुरू किया, लेकिन कभी-कभी वेंडर्स की वजह से उन्हें नुकसान होता था। इससे उन्हें एक विचार आया कि वह स्वयं वेफर्स ब्रांड बनाएं। इसी से शुरुआत हुई बालाजी वेफर्स की।
Balaji Wafers की शुरुआत 1981 में हुई थी, और चंदू भाई भिवानी हनुमान जी के श्रद्धालु थे, जिन्होंने अपनी कंपनी का नाम उनके नाम पर रखा।”
शुरुआत में चंदू भाई ने सिनेमा हॉल में वेफर्स बेचना शुरू किया, फिर उन्होंने दूसरे सिनेमा हॉल को भी संपर्क किया और वहां भी अपने वेफर्स का वितरण किया।
धीरे-धीरे उन्हें एहसास हुआ कि क्यों न इस बिजनेस को थोड़ा बड़ा कर लोगों के बीच लाएं। उन्होंने रिटेल में भी अपने वेफर्स को बेचना शुरू किया। समय के साथ, उन्होंने अपने परिवार को भी बिजनेस में शामिल किया और उन्हें वेफर्स बनाने की सीख दी, ताकि वे सेल्स और मार्केटिंग कर सकें।
चंदू भाई ने अपनी वेफर्स की क्वालिटी और क्वांटिटी में कभी कमी नहीं की, और इसी वजह से बालाजी वेफर्स आज इतना प्रसिद्ध है। उनकी वेफर्स की क्वालिटी और क्वांटिटी दूसरे कंपनियों की तुलना में बेहतर है, यह बात कहीं भी छुपी नहीं है।
बालाजी वेफर्स के पास आज 65 से अधिक प्रोडक्ट्स हैं, जिनमें से 17 तरह की वेफर्स और 20 तरह की नमकीन शामिल हैं।
बालाजी वेफर्स भारत में वेफर्स और नमकीन बनाने के मामले में दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। आज, उनकी वार्षिक बिक्री करीब 5000 करोड़ रुपये से अधिक है और वहां 500+ कर्मचारी काम करते हैं, जिनमें से 50% महिलाएं शामिल हैं।
गुजरात में आज वेफर्स मार्केट का 90% हिस्सा बालाजी वेफर्स के पास है, और धीरे-धीरे वे राजस्थान और महाराष्ट्र में भी अपनी मार्केटिंग कर रहे हैं। बालाजी के पास चार प्रोडक्शन प्लांट्स हैं, जिनमें से तीन गुजरात में हैं और एक महाराष्ट्र में है। आज बालाजी वेफर्स प्रतिदिन डेढ़ लाख किलो पोटैटो चिप्स और 1 लाख किलो नमकीन बनाता है।
चंदू भाई विरानी की कहानी दिखाती है कि जब इंसान मेहनत और लगन से जुड़ जाता है, तो वो दुनिया में कुछ भी कर सकता है। वे आज कई लोगों के लिए एक प्रेरणास्रोत बने हैं, जिन्होंने दूसरों को हौंसला दिया है।
आशा करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा ऐसे ही मजेदार जानकारी के लिए हमें फॉलो कीजिए.
[…] BalaJi wafers […]
[…] Balaji Wafers: […]