हमारा देश विविधताओं से भरा हुआ है, कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से अरुणाचल तक. इतने सारे स्थान हैं जिन्हें एक बार देखना असंभव है, लेकिन थीम के अनुसार यात्रा करने की योजना बनाने पर विचार करते हैं.
2015 में, पर्यटन मंत्रालय ने थीम आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने और विकसित करने के लिए ‘स्वदेश दर्शन योजना’ की शुरुआत की. इस योजना के अंतर्गत, 2023 में ‘स्वदेश दर्शन योजना 2.0’ भी लॉन्च की गई, जिसमें कई टूरिस्ट सर्किट्स को पहचानने के लिए काम हुआ. इसमें कुल 15 थीम बेस्ड टूरिस्ट सर्किट्स शामिल हैं और इन्हें पहचानने के लिए टूरिस्ट सर्किट्स को डिफाइन किया गया है कि कैसे मंत्रालय के अनुसार किसी भी टूरिस्ट सर्किट में तीन मुख्य पर्यटन स्थलों का होना चाहिए जो केवल विविध नहीं, बल्कि विशेष भी हों, और उन पर्यटन स्थलों में वेल-डिफाइंड एंट्री और एग्जिट पॉइंट भी होना चाहिए।
आइए इन स्थानों को एक-एक करके विस्तार से समझें Tourist Circuits in Bharat.
नॉर्थ ईस्ट सर्किट (North-East Circuit):
दोस्तों, नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्य अपने-आप में काफी विविध हैं। यहां की प्राकृतिक सौंदर्यता आपको आश्चर्यचकित कर देगी, लेकिन दुर्भाग्यवश, इसके बावजूद, यह सभी टूर सर्किट्स में सबसे कम एक्सप्लोर किया जाने वाला टूरिस्ट सर्किट है। हाल ही में, नॉर्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी बढ़ी है और इंसर्जनल भी कम हुई है। इन आठ राज्यों की अपनी रिच इतिहास और सांस्कृतिक विविधता है, जिससे नॉर्थ ईस्ट एक अद्वितीय टूरिस्ट गोला है, जहां आपको विभिन्न जातियों और सांस्कृतिकों की विविधता देखने को मिलेगी। इसमें विभिन्न प्राकृतिक दृश्य, अनूठे फ्लोरा और फौना, बौद्धिक मोनास्ट्री, स्पोर्ट्स और फोक आर्ट्स, हैंडीक्राफ्ट्स, आदि का आनंद लेने के लिए कई रोचक स्थान हैं।
हिमालयन सर्किट (Himalayan Circuit):
हिमालय हमेशा से अपने प्राकृतिक सौंदर्य और एडवेंचर टूरिज्म के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध रहा है। इस सर्किट में शामिल राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और नॉर्थ ईस्ट के स्टेट्स हैं, जिनमें उनके सुंदर प्राकृतिक दृश्यों के कारण विश्व प्राकृतिक विरासत स्थल भी हैं। मुख्य टूरिस्ट गंतव्यों में खारदुंग विलेज, सकरु गांव, कारगिल, जोरावर फोर्ट, राल, नारीस्तान, खूबसूरत प्राकृतिक लैंडस्केप, रेयर एंड यूनिक फ्लोरा एंड फौना, बौद्धिस्ट मॉनेस्ट्रीज, इंजीनियस स्पोर्ट्स, और फोक आर्ट्स, हैंडीक्राफ्ट्स, आदि शामिल हैं।
कृष्णा सर्किट (Krishna Circuit):
कृष्णा सर्किट एक धार्मिक टूरिस्ट सर्किट है जिसका मुख्य उद्देश्य हरियाणा और राजस्थान के राज्यों में उन स्थानों को विकसित टूरिस्ट गंतव्यों में बदलना है जो भगवान श्री कृष्ण से संबंधित हैं। इसमें महत्वपूर्ण स्थानों में महाभारत काल का प्रसिद्ध स्थान कुरुक्षेत्र शामिल है, साथ ही राजस्थान के गोविंद देव जी मंदिर, खाटू श्याम जी मंदिर, और चरण मंदिर के साथ-साथ चरण मंदिर भी शामिल हैं। यह सर्किट भगवान कृष्ण के भक्तों को धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का अनुभव करने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है।
बौद्ध सर्किट (buddha circuit):
मित्रों, भगवान बुद्ध के अनुयायियों का समृद्धि से फैला हुआ है, क्योंकि भगवान बुद्ध का संबंध भारत के साथ ही नेपाल के साथ भी रहा है। इसलिए, भगवान बुद्ध के पूजकों के लिए इन दोनों ही देशों में सर्किट के नजरिए से डेस्टिनेशंस मौजूद हैं।
इस टूरिस्ट सर्किट में भगवान बुद्ध के जन्मस्थान, बोधगया, सारनाथ, लुम्बिनी, इनलाइटनमेंट प्लेस, सर्मन प्लेसेस, और महानिर्वाण जैसी महत्वपूर्ण स्थलों के साथ ही, उन सभी स्थलों को इंक्लूड किया गया है जिनका संबंध किसी ना किसी रूप में भगवान बुद्ध से रहा है।
इस सर्किट के मेजर टूरिस्ट डेस्टिनेशन में बिहार से बुधगया, उत्तर प्रदेश में श्रावस्ती, कपिलवस्तु, कुशीनगर, और मध्य प्रदेश में सांची, मंसौर, और धार जैसे स्थानों को इंक्लूड किया गया है। इसके अलावा, गुजरात का बाबा प्यारे केयो, खपरा कोडिया, आंध्र प्रदेश का अमरावती और अनुपू जैसे लेस्ट नोन प्लेसेस भी इंक्लूडेड हैं।
ट्राइबल सर्किट (Tribal Circuit):
मित्रों, भारत में नॉर्थ टू साउथ और ईस्ट टू वेस्ट जितना वाट ट्राइबल कल्चर देखने को मिलता है, उतना शायद ही किसी और देश में मिलता है। भारत के ट्राइब्स अपने यूनिक लाइफ स्टाइल और कल्चर के लिए काफी मशहूर हैं। वे अपने इंडिजिनियस कल्चर को लेकर इतने सेंसिटिव हैं कि उन्होंने ब्रिटिश कॉलोनियल पीरियड में अपने रिलीजियस और कल्चर पर हुए कॉलोनियल अटैक का पूरी ताकत के साथ विरोध किया है।
इस मॉडर्न एरा में भी उन्होंने अपने कल्चर और वैल्यूज को प्रिजर्व रखा है। ट्राइबल सर्किट वैसे टूरिस्ट के लिए एक शानदार मौका है जो ट्राइबल लाइफस्टाइल, कल्चर ट्रेडिशन्स, और आर्ट एंड क्राफ्ट वर्क को एक्सप्लोर करना चाहते हैं। फिलहाल, ट्राइबल सर्किट्स के अंतर्गत कुछ ही स्टेट्स को शामिल किया गया है जिसमें तेलंगाना, छत्तीसगढ़, और नागालैंड शामिल हैं।
कोस्टल सर्किट (Coastal Circuit):
मित्रों, भारत का कोस्टल एरिया भी इंडिया के मेन लैंड जितना ही डावर्स है। इंडिया के टोटल कोस्टल लेंथ 7514 किमी है, जिसमें नाइन स्टेट्स और यूनियन टेरिटरी पुडुचेरी के अलावा दो मेन आइलैंड्स, लक्षद्वीप और अंडमान एंड निकोबार, शामिल हैं। अगर एक्सटेंशन और डाइवर्सिटी के अकॉर्डिंग देखा जाए तो कोस्टल सर्किट इन सभी 15 टूरिस्ट सर्किट्स में सबसे एक्सटेंसिव और डायवर्सिफाइड सर्किट है।
इसमें अंडमान एंड निकोबार आइलैंड्स में स्थित सेल्यूलर जेल और नेशनल मेमोरियल हिस्टोरिकल टूरिस्ट डेस्टिनेशन हैं। इसके अलावा, अदर कोस्टल स्टेट्स की टूरिस्ट डेस्टिनेशन की बात करें तो उसमें पुडुचेरी में डबरा पेट, तमिलनाडु में कन्याकुमारी और रामेश्वरम, आंध्र प्रदेश में इराकु और वेनाडु आइलैंड्स, और ओड़ीशा में बकुल इस सर्किट के मेजर टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से एक हैं। साथ ही, महाराष्ट्र का विजय दुर्ग बीच और गोवा का अनुजा बीच भी कोस्टल सर्किट के फेमस अट्रैक्टिव साइट्स में मौजूद हैं।
इको सर्किट (Eco circuit):
मित्रों, पिछले कुछ वर्षों में इको टूरिज्म की डिमांड काफी तेजी से बढ़ी है। इसका प्रमुख कारण यह है कि शहर की भागदौड़ वाली जिंदगी से जब भी कभी लोगों को टाइम मिलता है, तो वो सुकून की तलाश में प्रकृति के नजदीक पीसफुल एनवायरमेंट में जाना पसंद करते हैं।
इसके अलावा, लोगों में एनवायरमेंट को लेकर भी नई समझ विकसित हुई है। बेसिकली, इको टूरिज्म टूरिस्ट और नेचर के बीच ब्रिज का काम करता है। इस टूरिस्ट सर्किट में ऐसे टूरिस्ट डेस्टिनेशन को सेलेक्ट किया गया है जहां नेचुरल लैंडस्केप और नेचुरल वेजिटेशन ज्यादा है।
दोस्तों, सर्किट में जहां उत्तराखंड का सिरेन, तिहरी लेक, और चंबा शामिल हैं, वहीं मध्य प्रदेश का सैलानी आइलैंड और ओमकारेश्वर भी इसमें जगह मिली है। इसके अलावा, सर्किट में झारखंड से दलमा वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी, बेतला नेशनल पार्क, और कोयल रिवर व्यू पॉइंट जैसे नेचुरल साइट्स को जगह मिली है। इसके अलावा, इको टूरिस्ट सर्किट इन साउथ इंडिया से दो स्टेट्स को शामिल किया गया है, जिसमें सिंगोतम रिजर्वॉयर और अक्का महादेवी केब्स तेलंगाना का टूरिस्ट डेस्टिनेशन है, वहीं वागा मोन और इडुक्की केरल का मेजर इको फ्रेंडली टूरिस्ट डेस्टिनेशन हैं।
दोस्तों, सर्किट में नॉर्थईस्ट के एक स्टेट यानी कि मिजोरम को जगह मिली है, जिसमें मिजोरम के बेरावतलांग और राव पचप साइट्स को भी इको टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में डेवलप करने का प्लान है।
तीर्थंकर सर्किट
दोस्तों, जैन धर्म में तीर्थंकर उन व्यक्तियों को कहा जाता है जिनने जैन, यानी सभी प्रवृत्तियों पर विजय हासिल कर जन्म और मृत्यु के चक्कर से मुक्ति पा ली है। साथ ही, दूसरों को भी इस बात को अचीव करने में मदद करता है। जैन धर्म में टोटल 24 तीतीर्थंकर माने जाते हैं, जिसमें भगवान महावीर 24th और अंतिम तीर्थंकर थे और राजस्थान, गुजरात, बिहार, और झारखंड जैसे स्टेट्स तीर्थंकर टूरिस्ट सर्किट के मेजर डेस्टिनेशंस हैं।
रामायण सर्किट (RamaYan Circuit):
मित्रों, कृष्णा सर्किट के जैसे रामायण सर्किट भी एक रिलीजियस सर्किट का हिस्सा है। फिलहाल इस सर्किट में भगवान श्री राम से जुड़े उन साइट्स को शामिल किया गया है जो उत्तर प्रदेश में स्थित हैं, जिनमें भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या, लक्ष्मण किला, और चित्रकूट सर्किट के मेजर टूरिस्ट डेस्टिनेशंस हैं।
स्पिरिचुअल सर्किट (Spiritual Circuit):
मित्रों, भारत अपनी स्पिच लिटी की वजह से ही प्राचीन काल में विश्व गुरु कहा जाता था। आज के इस मॉडर्न एरा में ना सिर्फ डोमेस्टिक टूरिस्ट बल्कि काफी बड़ी संख्या में फॉरेनर्स भी स्पिरिचुअल टूरिज्म के लिए इंडिया आते हैं।
इसलिए स्वदेश दर्शन योजना में एक डेडिकेटेड स्पिरिचुअल टूरिस्ट सर्किट को डेवलप करने की योजना बनाई गई है। इस टूरी सर्किट में पुडुचेरी के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर, मणिपुर के श्री श्री गोपीनाथ मंदिर, राजस्थान के भरत्रि हरी टेंपल्स को मेजर स्पिरिचुअल साइट्स के रूप में चुना गया है।
इसके अलावा, सर्किट में पुटो शेरी के ही विनोद पु अनाई चर्च और केरल के कैडियन सीरियन चर्च को जगह मिली है। साथ ही, बिहार से पटना और वैशाली, और यूपी से कौशांबी और मिर्जापुर को भी स्पिरिचुअल टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में डेवलप किया गया है।
सूफी सर्किट (Sufi circuit):
भारत में आदिकाल से ही सूफी संतों की एक लंबी परंपरा रही है। सूफी कल्चर में सामंजस्यपूर्ण हार्मोनी और शांति को एकजुट करने पर मुख्य बल दिया गया है। सूफी संगीत से हम सभी परिचित हैं, और आज सूफी म्यूजिक और आर्ट के यह अनूठे कनेक्ट का हमारे समाज में महत्वपूर्ण स्थान है। इस दृष्टिकोण से, सूफी टूरिस्ट सर्किट ने बिहार और यूपी के कई सूफी स्थलों को पहचान का केंद्र बनाया है।
इस हेरिटेज में, कुछ मेन-मेड मॉन्यूमेंट्स, कुछ प्राकृतिक स्थल, और कुछ मिश्रित रूप में हैं। इंडिया के धनी हेरिटेज कल्चर को इस तथ्य से समझा जा सकता है कि यूनेस्को ने अब तक इंडिया में 42 स्थलों को अपने वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शामिल किया है, और 50 हेरिटेज स्थलों की टेंटेटिव लिस्ट बनाई गई है जो भविष्य के वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स का हिस्सा बन सकती है।
इसके अलावा, यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म ने हेरिटेज सर्किट में उन स्थलों का चयन किया है जो लेस-नोन और लेस-एक्सप्लोर्ड हैं, जैसे कि इटालियन गार्डन, बैजा ताल, ग्वालियर फोर्ट, अंबाजी कोठा, लेक और शर्मिष्ठा लेक।
वाइल्ड लाइफ सर्किट (Wildlife Circuit):
इंडिया अपने विशाल एक्स्टेंशन के कारण विभिन्न प्रकार के फ्लोरा और फौना का घर है। यूनियन और स्टेट गवर्नमेंट ने इसे सुरक्षित करने के लिए 106 नेशनल पार्क, 551 वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी, 18 बायोस्फीयर रिजर्व्स, 88 कंजर्वेशन रिजर्व्स, और 127 कम्युनिटी रिजर्व्स बनाए हैं। फ्लोरा एंड फौना के टूरिज्म इंडस्ट्री ने कई नेशनल पार्क और वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी को वाइल्ड लाइफ सर्किट के रूप में डेवलप करने का प्रयास किया है।
इस सर्किट में फिलहाल असम और मध्य प्रदेश के कुछ मेजर वाइल्डलाइफ टूरिस्ट डेस्टिनेशन शामिल हैं, जिनमें असम से मानस काजीरंगा नेशनल पार्क, डिब्रू-साइकुल-कछारी सैन्क्चुरी, और मध्य प्रदेश से पन्ना बांधो गढ़ और संजय नेशनल पार्क शामिल हैं।
डेजर्ट सर्किट (Desert Circuit):
भारत की अद्वितीय भूगोलीय स्थिति के कारण, यहां पर विभिन्न प्रकार की भू-रूपरेखाओं का दृश्य मिलता है। लद्दाख में डिजर्टेड प्लेस का अनुभव करने के साथ ही, राजस्थान में थार का हॉट डेजर्ट भी देखा जा सकता है। वर्तमान में, डेजर्ट सर्किट में राजस्थान के कुछ स्थलों को चयनित किया गया है, जिसमें शकम माता टेंपल और सांभर साल्ट लेक शामिल हैं। इसके अलावा, गुजरात में कच्छ का एरिड लैंड भी एक उत्कृष्ट डेजर्ट टूरिस्ट स्थल हो सकता है जो एक मॉडल के रूप में कार्य कर सकता है।
रूरल सर्किट (Rural Circuit):
भारत को ‘गांवों का देश’ कहा जाता है और भारतीय संस्कृति की आत्मा गांवों में बसी है। भारत को सही दृष्टिकोण से जानने के लिए, कोई भी व्यक्ति कुछ समय गांवों में बिताना चाहिए। इस बात को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने रूरल सर्किट को डेवलप करने के लिए योजना बनाई है और बिहार का तुरका नलिया और चंद्रिया थीम पार्क इस सर्किट का हिस्सा है।
पिछले कुछ सालों में, भारत ने अपने पर्यटन क्षेत्र में अपनी पुनर्निरूपण और ब्रांडिंग के लिए लगातार प्रयास किया है। इसका परिणाम है कि पिछले साल की तुलना में 2023 के पहले सिक्स महीने में विदेशी पर्यटकों में 106 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। टूरिज्म मंत्रालय ने टूरिज्म को नए और अनछूए दृष्टिकोणों से प्रमोट करने के लिए टूरिज्म सर्किट को भी प्रमोट करने का प्रयास किया है।
इस सर्किट में सूफी स्थलों, वन्यजन्तु संरक्षण क्षेत्रों, डेजर्ट स्पॉट्स, और गाँवों को शामिल किया गया है, जो देश की विविधता और समृद्धि को प्रस्तुत करता है। इन सर्किटों के माध्यम से, भारत ने पर्यटन को सिर्फ सुरक्षित और सांत्वना प्रदान करने वाले स्थलों से आगे बढ़ाकर, विश्व भर में अद्वितीयता और भौगोलिक समृद्धि की ओर ध्यान केंद्रित किया है।
इसी प्रयास में भारतीय सरकार(Tourist Circuits in Bharat) ने यातायात, बाजार, और पर्यटन सेवाओं को सुधारने के लिए नए और आधुनिक योजनाओं का आयोजन किया है, ताकि देश अधिक संख्या में पर्यटकों को आकर्षित कर सके और स्थानीय अर्थतंत्र को बढ़ावा मिल सके।
इसी रूप में, नए सर्किटों का विकास और पुनर्निरूपण का प्रयास देश को ग्लोबल पर्यटन मानचित्र में एक महत्वपूर्ण स्थान पर ले आया है, जिससे पर्यटन सेक्टर को विकसित करने और अर्थतंत्र को समृद्धि प्रदान करने में मदद मिल सकती है।
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