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Lapinoz Pizza Case study in Hindi: जानिये अपने देसी फ्लेवर्स के साथ कैसे बना इंडिया मोस्ट फेवरेट पिज़्ज़ा ब्रांड

Lapinoz pizza Story:

डोमिनोज और पिज़्ज़ा हट के होते हुए क्या कोई अपनी देसी पिज़्ज़ा चैन बना सकता है? हां, बिल्कुल हो सकता है, और ऐसा एक व्यक्ति ने किया है जिसे फूड इंडस्ट्री का बिल्कुल एक्सपीरियंस नहीं था, लेकिन उसने बिना इन्वेस्टर से किए ₹ बनाई है, और वह भी इतनी बड़ी सफलता के साथ कि यह भारत की सबसे तेजी से बढ़ती हुई पिज़्ज़ा चेन में आती है, जिसका टर्नओवर 1000 करोड़ है, 600 से ज्यादा स्टोर्स हैं, और डोमिनोज और पिज़्ज़ा हट के बाद तीसरे नंबर पर है। यह सब कुछ मात्र 12 सालों में हुआ है।

2011 में, इस कहानी के हीरो, Sanam Kapoor, जो HCL में आईटी जॉब कर रहे थे, आईटी कंपनी में सफलता का अच्छा समय बिता रहे थे। लेकिन इनके दिल में बिजनेस करने का ख्वाब था। जैसा कि आमतौर पर होता है, वे और उनके दोस्त हर वीकेंड बैठकर यह प्लान बनाते थे कि इस वीकेंड कुछ नया करेंगे, लेकिन असलीता यह थी कि उन्हें वह इंटरप्रेन्योरशिप का कीड़ा ही नहीं छोड़ता था।

2011 में, उन्होंने चंडीगढ़ में 120 स्क्वा फुट की एक छोटी सी जगह ली और वहां पहला पिज़्ज़ एरिया स्टोर शुरू किया, जिसका नाम रखा गया था “पिनोकियो पिज़्ज़ा“। शुरुआती दिनों में, जब वे सेल्फ एंप्लॉयड थे, वे सब कुछ खुद ही करते थे – पिज़्ज़ा की रेसिपी बनाना, ग्राहकों का सेवा करना, बिल काटना, और मार्केटिंग। उन्होंने अपने इंटरेस्ट और एक्सपर्टाइज के आधार पर एक नया कारोबार शुरू किया।

2011 के वक्त, पिज़्ज़ा अब ज्यादा जगहों पर नहीं मिलती थी, और जो मिलती थी, वह बहुत महंगी थी। लेकिन सनम ने इस बड़ी चुनौती को स्वीकार किया और अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए कड़ी मेहनत की।

उस समय, अन्य पिज़्ज़ा चेनें बाजार में थीं, लेकिन उनमें से एक भी डोमिनोज के स्तर पर नहीं थी, जिसके अलावा, जो पिज़्ज़ा चेन बाजार में उपलब्ध थी, वह डोमिनोज पिज़्ज़ा हट जैसी इंटरनेशनल चैन थी और इसके हाथ में पूरा मार्केट था। 54 पर शेयर रखने वाले डोमिनोज के सामने, और पिज़्ज़ा हट और पापा जोन भी अपनी जगह बना रहे थे, 80-90 पर एरिया का कवर करने वाले। इस समय लोगों के पास ज्यादा इनकम नहीं थी, वे बहुत कम खर्च करते थे, और महंगी चीजों से दूर रहते थे।

इसी चुनौती भरे माहौल में, सनम ने अपनी देसी पिज़्ज़ा को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया। वह नहीं सिर्फ एक उद्यमी बने, बल्कि उन्होंने भारतीय बाजार में एक नई दिशा स्थापित की, जो साबित करता है कि आप बिना बड़े इन्वेस्टमेंट के भी सफल हो सकते हैं।

उनकी कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि अगर हमारी मेहनत और संघर्षशीलता सही हो, तो हम किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकते हैं, चाहे वह फूड इंडस्ट्री हो या कोई और। इसके लिए हमें अपनी पेशेवर रुचियों और दक्षताओं को पहचानना, और उनका सही इस्तेमाल करना होता है। यह बिल्कुल संभव है कि आप भी अपना खुद का नाम बना सकते हैं, बस आपको अपने सपनों की पीछे जाना होगा और मेहनत से कामना होगा।

आज के दौर में बिजनेस में कदम रखना और उसे सफल बनाना बहुत कठिन हो सकता है, लेकिन कुछ व्यक्तियों के लिए यह सिर्फ एक मुश्किल नहीं, बल्कि एक दृढ़ संकल्प और सही कारगर विचारधारा की परिणामस्वरूप होता है। आज हम एक ऐसे उद्यमी की कहानी सुनेंगे जिन्होंने अपनी कमजोरियों को एक मजबूती में बदलने का संकल्प किया और सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचे।

आपने सुना है कि सफलता एक अनुभव से होती है, लेकिन हमारे नए नायक ने इस सिद्धांत को चुनौती देने का निर्णय किया। उनके पास न केवल अच्छे विचार थे, बल्कि उन्हें वित्तीय सहारा प्राप्त करने के लिए भी किसी का सहारा नहीं था। जब इन्वेस्टर से मदद मांगने गए, तो उन्हें न तो इंवेस्टमेंट मिली, ना ही उनकी मांग सुनी गई। इसके बावजूद, उन्होंने अपने खुद के पैसों से एक नया उद्यम शुरू किया।

उन्होंने एक हटकर कांसेप्ट पर काम किया और कहा, “दुनिया सब पिज़्ज़ा बेच रही है, मैं भी इसमें हिस्सा लूंगा।” इस सोच के साथ, उन्होंने एक नए प्रकार के पिज़्ज़ा का कांसेप्ट शुरू किया, जो पश्चिमी देशों में पहले से देखा जा रहा था। उनकी इनोवेटिव सोच ने एक नये रूप में पिज़्ज़ा की परिभाषा दी और उन्होंने अपनी कंपनी का नाम “Lapinoz ” रखा, जिसका इटालियन में मतलब होता है “जायंट पिज़्ज़ा”।

 

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शुरूआती दिनों में, Lapinoz pizza को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी अवश्यकता और उनकी मेहनत ने उन्हें सफलता की ओर बढ़ने का मार्ग दिखाया। वहां पर पहले स्टोर का संचालन करते समय, उन्होंने देखा कि पिज़्ज़ा में भिन्न-भिन्न फ्लेवर्स की कमी है, और उन्होंने तत्काल इसमें बदलाव किया। अब लापिनोज के मेन्यू में भारतीय फ्लेवर्स की विविधता है, जैसे कि पनीर मखनी पिज़्ज़ा, पनीर कोरमा पिज़्ज़ा, और पनीर बटर मसाला पिज़्ज़ा।

इसके साथ ही, Lapinoz pizza ने अपने मेन्यू में नए और विशेष आकर्षक आइटम्स जोड़ना शुरू किया, जैसे कि धीरे-धीरे उन्होंने लार्ज और एक्स्ट्रा लार्ज पिज़्ज़ा भी शामिल कर दिया। Lapinoz pizzaके नए और स्वादिष्ट पिज़्ज़ा वेराइएटीज़ ने लोगों को आकर्षित किया और कंपनी को एक नए स्तर पर पहुंचाया।

इन्हीं उद्यमी की मेहनत और सही दिशा में इनोवेशन ने इसे नए ऊंचाइयों तक पहुंचाया।  Lapinoz pizza की दूसरी ब्रांच ने भी उत्कृष्टता की नींव रखी और यह एक सफल व्यवसायी बनने की पथ में एक और कदम बढ़ाया।

जब एक ग्राहक ने Lapinoz pizza के चटपटे और स्वादिष्ट पिज़्ज़ा की तारीफ की, तो उन्होंने ध्यान दिया और सोचा, “क्या होगा अगर मैं अपने पिज़्ज़ा के तड़के का फ्रेंचाइजी दूं?” और इस सोच के साथ, वे एक नए क्षेत्र में अपना पैर रखने का निर्णय लिया।

लापिनोज की इस बढ़ती हुई पॉपुलैरिटी ने उन्हें एक सफल और पहचानी गई ब्रांड बना दिया है। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता के लिए आविष्कारशीलता, अनुभव, और उद्यमी सोच ही काफी नहीं हैं, बल्कि उद्यमी को नए और उत्कृष्ट रूप से अपने उत्पादों को विकसित करने की क्षमता भी रखनी पड़ती है। Lapinoz pizza की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि कभी-कभी हमें अपनी सीमाओं को पार करने के लिए बाहर देखना होता है और नए आविष्कारों का सामना करना होता है।

इन्होंने दो स्टोर के बाद फ्रेंचाइजी देने का निर्णय लिया और इसमें एक अद्वितीय ट्विस्ट डाला। जैसे ही इन्होंने अपनी पिज़्ज़ा में नए फ्लेवर्स लाए, वैसे ही उन्होंने फ्रेंचाइजी देने के तरीके में भी नए आयाम जोड़े। एकाधिकारी तरीके से फ्रेंचाइजी देने की बजाय, इन्होंने अपने स्थानीय लोगों को मौका देने का निर्णय लिया।

Lapinoz pizza ने स्मार्टी तरीके से फ्रेंचाइजी देने का निर्णय लिया। वह सबसे पहले एक क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया, वहां 10-15 फ्रेंचाइजी दीं, और जब उसका सेट हो गया, तो वह दूसरे क्षेत्र में बढ़ा, फिर तीसरे में, इस प्रकार आगे बढ़ते गए। इससे उनका ऑपरेशन कॉस्ट काफी कम आया और मैनेजमेंट में भी आसानी हुई।

इनकी फ्रेंचाइजी की ट्रेजक्टरी भी काफी शानदार रही है। 2013 में पहली फ्रेंचाइजी देने के बाद, वे सत्रह महीने में ही ने 50 फ्रेंचाइजी पहुंचा लिया, और आगे बढ़ते हुए वर्ष 2019 तक 100, तब 2021 में 200, और फिर 2023 में 600 फ्रेंचाइजी देने का कीर्तन किया। यहां तक पहुंचते हुए, इनका टर्नओवर बना 1000 करोड़ का आंकड़ा।

 

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Lapinoz pizza ने रॉयल्टी को 8 पर नहीं, बल्कि 4 पर ही रखा है, लेकिन मटेरियल सारा उनसे ही खरीदना होता है। इससे हर रॉ की बिक्री से 15 प्रतिशत रेवेन्यू होता है, और बाकी 2 प्रतिशत सोर्सेस से आतहै। आप गौर से देखें तो, यह एक स्वाभाविक रूप से ग्रोसरी बिजनेस का मॉडल है, जहां फ्रेंचाइजी फीस और रॉयल्टी से मिलने वाले रेवेन्यू का 83 प्रतिशत सिर्फ रॉ मटेरियल की बिक्री से आता है। यह एक सीधा पैसा है जो प्रॉफिट में एक बड़े अंश का प्रवेश करता है। पूरे प्रॉफिट का 65 प्रतिशत फ्रेंचाइजी और रॉयल्टी से आता है, जबकि बाकी 35 प्रतिशत इससे आता है।

Lapinoz pizza ने दिखाया है कि सही बिजनेस मॉडल और निर्णय से कैसे एक सामान्य आदमी भी बड़ा कारोबार कर सकता है। उनका इस फ्रेंचाइजी मॉडल ने देशभर में तेजी से फैलाव की है और उनकी कड़ी मेहनत और निरंतर सफलता के साथ लापिनोज ने खुद को बड़े उद्यमिता के रूप में साबित किया है।

उनकी कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि अगर आप मेहनत, समर्पण, और सही दिशा में काम करते हैं, तो आप भी अपने सपनों को हकीकत में बदल सकते हैं। Lapinoz Pizza का उदाहरण हमें यह सिखाता है कि आगे बढ़ने के लिए हमें नए और नए रास्ते तय करने की आवश्यकता होती है, और हमें हमारे काम में आत्म-समर्पण बनाए रखना चाहिए। लापिनोज ने यह साबित किया है कि सीमाओं को छोड़कर, अगर हम अपने उद्यमिता में आत्म-विश्वास बनाए रखते हैं, तो कुछ भी संभव है।

 

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