भारत में पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक सिर्फ एक ही नाम का सिक्का चलता है, जिसका नाम है नरेंद्र दामोदर दास मोदी। आखिर Modi As a Brand इतना बड़ा कैसे बना? क्या इसके पीछे कोई बड़ी प्लानिंग थी? 2014 लोकसभा इलेक्शन से पहले नरेंद्र मोदी के नाम का डंका सिर्फ गुजरात में ही सुनाई पड़ता था, लेकिन 2014 इलेक्शन के बाद प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता में जबरदस्त बड़ोती हुई है।
आज भारत ही नहीं, दुनिया के प्रमुख देशों में अमेरिका, फ्रांस, इटली, ब्रिटेन, इजराइल जैसे कई देशों में प्रधानमंत्री मोदी की गूंज सुनाई देती है। उनकी लोकप्रियता इस हद तक है कि अमेरिकी प्रेसिडेंट Joe Biden ने मोदी जी से ऑटोग्राफ मांग लिया था, जबकि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने तो मोदी इज The Boss कहकर उन्हें संबोधित किया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मोदी ब्रांड डेवलप कैसे हुआ और ब्रांड मोदी को डेवलप करने में कांग्रेस का कितना कंट्रीब्यूशन रहा है?
साथ ही, हम उन तीन फैक्टर्स के बारे में जानेंगे जो ब्रांड मोदी को मजबूती देते हैं। नरेंद्र मोदी का सफर संघ की शाखाओं से शुरू होता है, बतौर संघ के स्वयंसेवक नरेंद्र मोदी ने संगठन में सक्रिय भूमिका निभाई, जिसके चलते उन्हें सन 1987 में भारतीय जनता पार्टी में मूव किया गया।
Narendra Modi As a Brand बनने का सफर:
नरेंद्र मोदी का ब्रांड बनने का सफर अभी शुरू नहीं हुआ था, भारतीय जनता पार्टी में उन्हें गुजरात के मुख्य प्रवक्ता और भारतीय जनता पार्टी के गुजरात प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली। फिर साल 2001 में भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें गुजरात की कमान सौंपी और नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने, यहीं से शुरुआत होती है Narendra Modi As a Brand की।
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुए गोदरा दंगों के बाद, उनकी छवि को कैसे बदला गया, यह आइए जानते हैं। नरेंद्र मोदी यह बात अच्छे से जान चुके थे कि भारत की राजनीति में अपनी सही जगह बनाने जनता का विश्वास हासिल करना होगा, साथ ही बिजनेस वर्ल्ड से अपने रिश्ते बेहतर करने होंगे।
नरेंद्र मोदी ने गुजरात दंगों के बाद बिजनेस लॉबी पर काफी फोकस किया, उन्होंने गुजरात में आए भूकंप और दंगों के बाद सुस्त पड़ी गुजरात की इकोनॉमी को रफ्तार देने साल 2003 में वाइब्रेंट गुजरात समिट की शुरुआत की। इस समिट के माध्यम से नरेंद्र मोदी देश-विदेश के इन्वेस्टर के सीधे संपर्क में आए साथ ही उन्हें इस समिट के चलते वैश्विक तौर पर भी पहचान मिलने लगी।
वाइब्रेंट गुजरात समिट भारत के बड़े बिजनेस समिटों में से एक है, जिसकी खबरें पूरी दुनिया में फैलती हैं। इससे आगे, नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, और रोजगार जैसे क्षेत्रों में कई निर्णय लिए। उन्होंने ‘सबका साथ, सबका विकास’ स्लोगन के साथ गुजरात का सर्वांगीण विकास किया और सामाजिक समरसता बनाए रखने के लिए सद्भावना यात्रा भी निकाली। नरेंद्र मोदी के इन कामों का गुजरात की जनता ने अच्छे से नोटिस लिया और साल 2007 और साल 2012 में भी गुजरात की कमान उनके हाथों में ही सौंपी। नरेंद्र मोदी साल 2012 तक एक विकास पुरुष बनकर उभरे, गुजरात की जनता ने हर बार उन पर विश्वास जताया।
Modi As a Brand को विरोधी पार्टी का योगदान
नरेंद्र मोदी, भारत के प्रधानमंत्री, अपने विरोधियों के लिए हमेशा एक निशाना रहे हैं। हालांकि उनकी चुनौतियों के बावजूद, कांग्रेस ने ब्रांड मोदी की डेवलपमें कितना योगदान किया है, इस पर गौर करना महत्वपूर्ण है। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद, मोदी ने विरोधी दलों के हमलों का सामना किया, लेकिन कांग्रेस ने उनके खिलाफ विवादित बयानों और हमलों की चर्चा करने का कारण बनाया है।
कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी का अपमान करने के लिए कई वीडियो और बयान जारी किए हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी ने इसे अपने लाभ के लिए पलटा है। उन्होंने विरोधियों के द्वारा किए गए अपमान को गुजरात की जनता से जोड़ा और प्रधानमंत्री बनने के बाद इसे देश के अपमान के साथ भी जोड़ा। कांग्रेस ने ब्रांड मोदी को डेवलप करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन उन्हें नजरअंदाज करने की वजह यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करना उनके लिए खतरनाक हो सकता है।
Narendra modi in 2024 election जितने में तीन महत्वपूर्ण फैक्टर्स:
1.अद्वितीय प्रवक्ता:
नरेंद्र मोदी की स्पीच और पब्लिक कनेक्ट उन्हें भारतीय राजनीति में अद्वितीय बनाती हैं। उनके भाषणों में युवा, नारी, किसान, पीछड़ा वर्ग, और दलितों के प्रति समर्थन का भाव होता है, जिससे वह जनता के साथ सीधे कनेक्ट होते हैं। उनकी कम्युनिकेशन स्किल और भाषण शैली ने उन्हें एक शक्तिशाली नेता बनाया है।
2.गरीब और मध्यम वर्ग पर फोकस:
नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई हैं जैसे कि आयुष्मान भारत, किसान सन्मान निधि, और प्रधानमंत्री आवास योजना। इन योजनाओं के माध्यम से, उन्होंने गरीब और मध्यम वर्ग की प्रजा के बीच अपनी लोकप्रियता को मजबूत किया है।
3.निर्णय लेने की क्षमता:
नरेंद्र मोदी नेअपने प्रधानमंत्री पद के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनमें ट्रिपल तलाक, जीएसटी, आर्टिकल 370 की समाप्ति, राम मंदिर निर्माण, सर्जिकल स्ट्राइक, और एयर स्ट्राइक जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं। इन निर्णयों के फलस्वरूप, नरेंद्र मोदी ने भारतीय राजनीति में एक मजबूत नेता की छवि बनाई है।
इन तीन फैक्टर्स के संगम से ही नरेंद्र नरेंद्र मोदी एक ब्रांड नेता बने हैं जिन्होंने अपनी करिश्माई लीडरशिप के माध्यम से भारतीय राजनीति को परिवर्तित किया है। उनकी बहादुरी, निर्णय लेने की क्षमता, और सामाजिक समर्थन के कारण उन्हें देशभर में लोकप्रिय बनाया गया है।
कांग्रेस, जो स्वयं को राष्ट्रीय दल के रूप में परिभाषित करने का प्रयास कर रही है, अपनी कमजोरियों के कारण नरेंद्र मोदी के सामने कोई बड़ा मुद्दा या स्ट्रेटेजी ढूंढने में असमर्थ है। उनका एक और समस्या यह है कि वह कभी भी किसी सरकार की योजनाओं का समर्थन नहीं करती है, जिससे उन्हें जनता के बीच में एक सकारात्मक छवि बनाए रखने में कठिनाई होती है।
समर्थन, ब्रांड बनाने का एक अहम तंत्र है, और नरेंद्र मोदी ने इसे जनता के साथ एक सामंजस्यपूर्ण संबंध बनाए रखकर कायम रखा है। उनकी योजनाएं और निर्णय गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए सीधे लाभकारी हैं, जिससे उनकी लोकप्रियता में भी वृद्धि हुई है।
कांग्रेस को चाहिए कि वह नरेंद्र मोदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए सकारात्मक रूप से उत्तर दे और एक मजबूत विरोध दल की नींव रखे। केवल नरेंद्र मोदी की आलोचना करने से नहीं, बल्कि उसकी सकारात्मक योजनाओं के साथ मिलकर जनता को सही दिशा में प्रेरित करने के लिए होगा।
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